प्रालेख

भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसाधान परिषद (सीएसआईआर) की एक घटक प्रयोगशाला है, इसकी स्थापना 14 अप्रैल 1960 को हुई थी। संस्थान ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार जगत के लिए गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान एवं नवीनतम तकनीक प्रदान करने के साथ ही उद्योग जगत को तकनीकी सहायता प्रदान करते हुए एक अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्ध अनुसधान एवं विकास संगठन के रूप मे विकसित होने के अपने प्रयासों को सतत जारी रखा है। आईएसओ 9001: 2015 से प्रमाणित, संस्थान हाइड्रोकार्बन एवं संबन्धित उद्योग के डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास के बहु-विषयक क्षेत्रों को समर्पित है।

       संस्थान को प्रक्रम एवं उत्पादों के विकास (लैब/बैंच/पायलट स्केल), प्रक्रम उन्नयन, प्रक्रम डिज़ाइन, प्रक्रम इष्टतमीकरण, प्रक्रम सुधार और नवीकरण में अनुभव और विशेषज्ञता प्राप्त है। संस्थान तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन, प्रौद्योगिकी मूल्यांकन, ऊर्जा लेखा-परीक्षा और रासायनिक संयंत्रों में संरक्षण, वाहन प्रदूषण निवारण, आईसी इंजनों में वैकल्पिक ईंधनों का प्रयोग और उत्पाद विशिष्टीकरण के क्षेत्र में भी कार्यरत है।

       आईआईपी के प्रमुख अनुसंधान क्षेत्रों में पेट्रोलियम परिष्करण, उत्प्रेरक परिष्करण एवं उत्प्रेरण, पृथक्करण प्रक्रम, विलायक निष्कर्षण, अधिशोषण, मेम्ब्रेन्स के साथ-साथ ल्यूब्रीकेशन ऑइल एवं संशोधित बिटुमेन तथा कार्बन पदार्थों का विशिष्टीकरण शामिल है। इसके अलावा विशेषज्ञता के अन्य क्षेत्रों में संबन्धित उद्योगों में ऊष्मा  रूपान्तरण प्रक्रम, प्रतिमान एवं अनुकरण, रसायन/पेट्रोरसायन, इंटरमीडियेट्स एवं एडिटिव्स शामिल हैं। विशिष्ट रसायन के लिए प्रक्रम एवं उत्पाद विकास, पेट्रोरसायन इंटरमीडियेट्स, पेट्रोलियम स्ट्रीम्स का जैव प्रसंस्करण; बायोमास से ईंधन, ल्यूब और रसायन आदि विषय हाल ही में प्रारम्भ किए गए हैं।

       संस्थान ने बड़ी संख्या मे प्रक्रम एवं तकनीक विकसित की हैं, इनमें से कई तकनीक उद्योग को हस्तांतरित भी की गईं हैं। देश की लगभग प्रत्येक रिफायनरी में संस्थान द्वारा लाइसेंस प्राप्त उत्पाद/तकनीक है। बीआईएस विनिर्देशों के साथ पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्यांकन के लिए परीक्षण तकनीक भी विकसित की गईं हैं। संस्थान ने अनुबंध अनुसंधान एवं तकनीकी सेवाओं के लिए वैश्विक टाई-अप भी स्थापित किया है तथा भारत एवं विदेशों मे पेटैंट फ़ाइल/प्राप्त किए हैं। संस्थान के प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पत्रिकाओं में काफी संख्या में अनुसंधान लेख प्रकाशित हुए हैं। संस्थान को विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है ।।